पांवटा साहिब (प्रेम वर्मा): पांवटा साहिब के अंतर्गत सालवाला पंचायत मे हर वर्ष लगने वाला नाग देवता का मेला इस बार भी दशहरे के समय बड़े धूमधाम से शुरू हुआ।
मेले में पांवटा साहिब के साथ लगते इलाके रेणुका, शिलाई व उत्तराखंड के जौनसार से लोग अपनी फसल का कुछ हिस्सा नजराने के रूप में नाग देवता के मंदिर में लेकर आते हैं और सदियों से यह परंपरा चली आ रही है जो अब तक चल है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सिरमौर के राजा की पुत्रवधु जब अपने मायके जौनसार से हिमाचल की ओर आ रही थी तो इस नसेर नामक स्थान पर उन्होंने 2 बच्चों को जन्म दिया जिसमें से एक पुत्र तथा दूसरे बच्चे ने नाग देवता के रूप में जन्म लिया। वह नाग देवता उसी समय इसी जगह पर धरती में समा गए तब से यहां पर नाग देवता के मंदिर की स्थापना की गई और यहां हर वर्ष लोग अपनी फसल का कुछ हिस्सा नजराने के रूप में लाते हैं और नाग देवता से सुख शांति की मनोकामना करते हैं।
लोगों का कहना है कि जो लोग यहां सच्चे मन से आते हैं, उन्हें नाग देवता दर्शन भी देते हैं। यहां पर मेला भी लगता है जो 3 दिन चलता है और मेले के अंतिम दिन कुश्ती का आयोजन किया जाता है।