चंडीगढ: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे है। अशोक तंवर के बाद वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं नलवा से पूर्व विधायक पूर्व वित्तमंत्री प्रोफेसर संपत सिंह ने भी सोमवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि सोमवार को प्रोफेसर संपत ने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है।
प्रोफेसर संपत सिंह ने बताया कि उन्होंने 40 साल से भी ज्यादा समय तक साफ-सुथरी राजनीति की है। पहले इनेलो में रहकर जनता की सेवा की, फिर कांग्रेस में भी ईमानदारी के साथ काम किया। संपत सिंह ने 1982 में पहली बार जनता पार्टी की टिकट से भट्टूकलां से विधानसभा चुनाव लड़ा था। संपत ने 1982, 1987, 1991, 1998, 2000 में भी विधानसभा चुनाव लड़े और जीते भी। 1991 से 1996 तक उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाई। 2009 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव भी जीता।
कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी रहे राजबीर संधू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। उन्होंने टिकट बेचकर कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराने का काम किया है। इससे आहत होकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी को त्याग पत्र दिया है।