नेशनल डेस्क: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गुजरात हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है. प्रधानमंत्री की पढ़ाई -लिखाई और डिग्री पर सवाल उठाते हुए अरविंद केजरीवाल ने पीएम की एमए की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग की थी. वही इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है. गुजरात हाई कोर्ट ने इसे तुच्छ और भ्रामक पिटिशन करार देते हुए केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें आरटीआई के तहत डिग्री देने की बात कही गई थी.
क्या है पूरा मामला
बात दे कि सात साल पहले अरविंद केजरीवाल ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) लगाकर पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने डीयू और गुजरात यूनिवर्सिटी को आर्डर जारी करके मांगी गई जानकारी केजरीवाल को देने को कहा था. जिसके जवाब में गुजरात यूनिवर्सिटी ने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने डिस्टेंस एजूकेशन से एमए की डिग्री ली है. केजरीवाल ने डिग्री की कॉपी की भी मांगी. इसके बाद यह पूरा विवाद खड़ा हुआ था. तो वहीं गुजरात यूनवर्सिटी ने सीआईसी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी. हाईकोर्ट ने मोदी की डिग्री की कॉपी सौंपने के आदेश पर रोक लगा दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए की डिग्री पर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया है, लेकिन बीए की डिग्री का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.
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वही गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्ववीट कर लिखा “क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया. क्यों? और उनकी डिग्री देखने की माँग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं”.