हरियाणा डेस्क: सिरसा के चत्तरगढ़ पट्टी में ऐसा शिक्षा का मंदिर है, जो 2021 तक खँडहर हुआ करता था, लेकिन स्कूल के मुख्य प्रधानाचार्य ने 2021 में अपना कार्यभार संभाला और अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर स्कूल का सौंदर्यकरण करवाया। स्कूल के अंदर पीने के पानी से लेकर बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाने तक का विशेष ध्यान दिया जाता है। स्कूल के अंदर ऐसी सुविधा मुहैया करवाई गई है जो किसी VIP स्कूल से कम नहीं है। कहने में तो यह स्कूल सरकारी स्कूल है, लेकिन व्यवस्थाएं और स्कूल का सौंदर्य प्राइवेट स्कूलों से कम नही। स्कूल में सारी व्यवस्थाएं सुचारू है। पीने के पानी को लेकर स्कूल के अंदर विशेष ध्यान दिया जाता है। स्कूल के अंदर हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाता है।
निजी स्कूलों को सरकारी स्कूल ने दी मात
तो वहीं स्कूल में विभिन्न तरह के झूले लगाए गए हैं, जिससे बच्चों की बॉडी फिट रहे। शरीर स्वस्थ रहे स्कूल के मुख्य अध्यापक का कहना है कि जब उन्होंने यहां कार्यभार संभाला तो विद्यार्थियों की संख्या कम थी। हालांकि इस कॉलोनी में 4 से 5 किलोमीटर में कोई सरकारी स्कूल नहीं है और इस कॉलोनी में स्लम एरिया के लोग रहते हैं, जो कि महंगे स्कूल को अफोर्ड नहीं कर सकते। परंतु अब स्कूल में मुख्य अध्यापक व उनकी पूरी टीम द्वारा स्कूल के बदलते नक्शे को देख बस्ती में रह रहे हर माता-पिता बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेजी में बात करना भी सिखाया जाता है।
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सरकारी अध्यापकों ने बदली स्कूल की दशा
स्कूल में मिड डे मील की तरफ से सरकार द्वारा भेजे गए राशन से भोजन तैयार किया जाता है। उस राशन से बच्चों की पूर्ति नहीं होती इसके लिए मुख्य अध्यापक द्वारा एक यह नियम बनाया गया की स्कूल के अंदर सभी अध्यापकों के द्वारा सहयोग करके स्कूल में विद्यार्थियों के लिए देसी घी का महीने में एक बार भोजन तैयार करवाना जिससे कि विद्यार्थी भी आनंद उठाएं। मुख्य अध्यापक का कहना है कि जब उन्होंने स्कूल में कार्यभार संभाला उस समय विद्यार्थियों का मेडिकल चेकअप हुआ था। तो विद्यार्थियों के शरीर में कमी पाई गई थी, उसी को ध्यान में रखते हुए अब खाने का विशेष ध्यान दिया जाता है।