हिमाचल डेस्क: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर तीन अक्टूबर का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत प्रदेश भर के 2466 निराश्रित बच्चों को 4.68 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई. कार्यक्रम में प्रदेश भर के करीब 900 बच्चों ने हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि सरकार इन बच्चों को इनका अधिकार दे रही है. हिमाचल प्रदेश आज पूरे देश के सामने एक उदाहरण के तौर पर स्थापित हुआ, जहां कानून के तहत निराश्रित बच्चों को उनका अधिकार दिया जा रहा है. कार्यक्रम में 30 बच्चों को एडवांस लैपटॉप भी वितरित किए गए.
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योजना के लाभार्थियों को धन राशि की वितरित
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर के अन्य 298 से निराश्रित बच्चे जो 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी आने वाले तीन से चार दिन में लैपटॉप उपलब्ध करवाए जाएंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन के दौरान बच्चों से कहा कि वे कभी भी खुद को अकेला न समझें. निराश्रित बच्चे अकेले नहीं हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कि उनकी पूरी सरकार उनके साथ है. मुख्यमंत्री का कहना है कि जब उन्होंने रिज मैदान पर शपथ ली तब सभी उनका इंतजार सचिवालय में कर रहे थे, लेकिन वे सचिवालय न जाकर अनाथालय गए. उन्होंने कहा कि उस दिन उन्होंने बच्चों से कई चीज सीखी. बच्चों से कोई बात तो नहीं हुई, लेकिन उन्होंने उनके मन को पढ़ लिया. उसी दिन यह निश्चय कर लिया था कि निराश्रित बच्चों के लिए कुछ बड़ा करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कानून के तहत हिमाचल प्रदेश के सभी निराश्रित बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ का दर्जा दिया गया है. ऐसे बच्चों की माता-पिता सरकार ही है. उन्होंने कहा कि 10 महीने में कई बैठकों के बाद इस योजना को आज ग्राउंड जीरो पर लागू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी अपने मन ही मन में खुद को फलीभूत महसूस कर रहे हैं.