हरियाणा डेस्क: रेवाड़ी में डॉक्टर द्वारा लापरवाही करने का मामला एक बार फिर सामने आया है, जहां डॉक्टर की कथित लापरवाही के चलते जच्चा बच्चा की मौत हो गई, जिसे लेकर एक माह तक कोई कार्रवाई ना होने के चलते आज परिजन व धारूहेड़ा नगर पालिका के पार्षद और धारूहेड़ा कस्बा के लोग पीएससी सेंटर पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने सीएमओ व सिविल अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इधर, लोगों के बढ़ते रोष को देखते हुए मौके पर पुलिस बल भी पहुंच गया.
क्या है पूरा मामला
बता दे कि धारूहेड़ा की रहने वाली निक्की की डिलीवरी 7 फरवरी को पीएचसी सेंटर धारूहेड़ा में हुई. उसने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसे कम सांस आने की बात कह कर डॉक्टरों ने परिजनों को सौंपा. परिजन बच्ची को भिवाड़ी के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजन वापस पीएचसी सेंटर पहुंचे तो निक्की ने उन्हें बताया कि उसे बहुत अधिक पीड़ा हो रही है. यह बात जब परिजनों ने डॉक्टर को बताई तो डॉक्टर ने नॉर्मल कहकर छोड़ दिया, लेकिन कुछ समय बाद निक्की को अधिक दर्द हुआ तो पता चला कि उसे रक्तस्राव हो रहा है.
निक्की की हालत खराब होते देख परिजनों ने उसे रेफर करने की बात कही तो अस्पताल की तरफ से उन्हें एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई. इसके बाद परिजन निक्की को लेकर भिवाड़ी के एक निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उसमें सिर्फ दो यूनिट ही खून बचा है, उसे खून की जरूरत है, लेकिन भिवाड़ी में खून न मिल पाने के कारण परिजन उसे एंबुलेंस में रेवाड़ी के लिए निकल गए, लेकिन निक्की ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. परिजनों का सीधा आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते ही निक्की और उसकी बच्ची की जान गई है.
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वहीं इस पूरे मामले में पीएचसी इंचार्ज का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. अगर इसमें किसी भी कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. इधर, धारूहेड़ा थाना प्रभारी की माने तो उन्हें सूचना प्राप्त हुई थी कि लोग पीएचसी सेंटर में इकट्ठे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे हैं. अभी लिखित में कंप्लेंट लेकर जाँच की जाएगी, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.