हेल्थ डेस्क- इंसान अपनी जीवनशैली में बहुत से काम करता है, रोज की दिनचर्या में वह भूल जाता है कि, उसके लिए कैसा आहार पौष्टिक है। इन्हीं चीजों पर चिंतन करने के लिए देश में कुछ ऐसे दिन होते हैं, जिन्हें खास महत्त्वता दी जाती है। जिनमें से एक है “वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे”। हर साल में 7 जून को मनाए जाने वाला इस दिन को बहुत खास माना जाता है। इस दिन को मनाये जाने की वजह खाद्य सुरक्षा के प्रति उन लोगों को जागरूक करना है जो खराब भोजन का सेवन करने की वजह से गंभीर रोगों से अपनी सेहत को हानि पहुंचाते हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि, हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन भी मिल पाए।
बता दें, फास्ट फूड़ के इस जमाने में लोग भूल जाते हैं कि, सुरक्षित आहार खाना भी जरूरी होता है। घर से बाहर रहकर कभी-कभी लोग घर का बना खाना नहीं खा पाते हैं, और न ही खुद से बनाने का प्रयास करते हैं। जिसके बाद अंत में बाहर का खाना ही दिखाई देता है। हालांकि, बाहर से भी स्वच्छ भोजन मिलता है, लेकिन ऐसा न होने पर और अनहेल्दी खाना खाने पर लोग अपनी सेहत खराब कर लेते हैं।
वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे का इतिहास-
वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे को संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 20 दिसंबर, 2018 को सुरक्षित भोजन खाने के प्रती मनाने के लिए इसका आयोजन किया गया था। संयुक्त राष्ट्र के WHO और खाद्य और कृषि संगठन संयुक्त रूप से इस दिन के पालन की सुविधा प्रदान करती हैं।
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वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे थीम 2022
वर्ल्ड फ़ूड सेफ्टी डे लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल एक थीम जारी की जाती है। इस बार विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2022 की “Safer food, better health” है, जो इंसान की सेहत को सुनिश्चित करने में पौष्टिक भोजन की भूमिका पर प्रकाश डालती है। बता दें कि WHO की रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष 1 लाख 25 हजार बच्चे अपनी जान खराब भोजन खाने की वजह से गवां देते है। यह बीमारी का संकट उन बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। जिनकी उम्र 5 वर्ष से कम है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, हर वर्ष 10 में से 1 व्यक्ति की बीमारी अनहेल्दी भोजन खाने के कारण होती है और हर वर्ष 4 लाख 20 लोगों की मृत्यु दूषित भोजन खाने से ही होती है।