नई दिल्ली: बापू ने क्या खूब कहा है “ऐसे जिएं जैसे कि आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है”। जी हां, आज पूरा देश में महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। आज उनके जन्मदिवस पर पूरे देशभर में उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
बता दें कि आज 150वीं जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बापू को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट पहुंचे जहां मोदी ने गुलाब के फूलों से गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पण की। सूत्रों के अनुसार फलस्तीन ने मंगलवार को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर ‘गांधी की विरासत और मूल्यों के सम्मान में डाक टिकट जारी किया।
साबरमती आश्रम को स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख केंद्रों में से एक माना जाता है। महात्मा गांधी ने 1930 में यहीं से दांडी मार्च का नेतृत्व किया था जिसने दुनिया को बताया था कि अहिंसा विरोध का सबसे शक्तिशाली हथियार है। इस आश्रम की स्थापना महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गुजरात में साबरमती नदी के तट पर 1917 में हुई थी। यह आश्रम उनके कई आवासों में से एक था।
1917 से 1930 तक इस ऐतिहासिक आश्रम में गांधीजी ने अपना जीवन बिताया था। यहां से जाने के बाद वे अपनी पत्नी एवं करीबी लोगों के साथ महाराष्ट्र में स्थित सेवाग्राम आश्रम में रहने लगे थे। साबरमती आश्रम एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है, जिसने देश की आजादी के पीछे की लड़ाई को करीब से देखा है। गांधीजी एवं उनके साथी स्वतंत्रता संग्रामी देश की आजादी के लिए, ब्रिटिश सरकार के खिलाफ यहीं बैठकर योजना बनाते थे।
आज जहां हम गांधी जी का जन्मदिन मना रहे है, वहीं आज ही के दिन भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का आज जन्मदिन है। बता दें कि सादगी भरी जीवन जीने वाले शास्त्री जी एक कुशल नेतृत्व वाले गांधीवादी नेता थे। उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 को जन्मे शास्त्री जी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था।